झारखंड सरकार शराब कारोबार को लेकर एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई में जुटी हुई है। राज्य भर में संचालित कुल 1453 शराब की दुकानों में से फिलहाल 846 दुकानें बंद हैं। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई थी, जिससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था और शराब की अवैध बिक्री को भी बढ़ावा मिल रहा था। अब उत्पाद विभाग ने इन दुकानों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत पहले चरण में इन दुकानों को मैनपावर सप्लाई करने वाली निजी कंपनियों से लेकर झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के हवाले कर दिया गया है। यानी अब इन दुकानों का संचालन सरकार के अधीन कॉरपोरेशन द्वारा सीधे तौर पर किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, विभाग द्वारा जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि बंद दुकानों में शराब की बिक्री फिर से शुरू की जा सके। इसके लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया, स्टाफ की तैनाती, सुरक्षा उपायों और स्टॉक की उपलब्धता जैसे बिंदुओं पर योजना तैयार की जा रही है।इस कदम का उद्देश्य राज्य सरकार के राजस्व को सशक्त बनाना और अवैध शराब व्यापार पर रोक लगाना है। साथ ही, इन दुकानों के खुलने से राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, खासकर उन इलाकों में जहां अब तक दुकानें बंद थीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह कदम पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन के साथ लागू किया गया, तो न केवल सरकार को फायदा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से शराब उपलब्ध होगी।उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रक्रिया आने वाले कुछ हफ्तों में पूरी की जा सकती है, और अगस्त महीने तक कई बंद पड़ी दुकानें फिर से संचालन में आ सकती हैं। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे स्थानीय स्तर पर आवश्यक सहयोग सुनिश्चित करें।
राज्य में शराब की दुकानों को लेकर यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब सरकार अपने वित्तीय संसाधनों को सशक्त करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। अब देखना होगा कि यह नई व्यवस्था कितनी पारदर्शी और प्रभावी साबित होती है।