PK हुआ फ्लॉप, NDA ने किया टॉप

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बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव – 2025 का परिणाम सामने हैं। NDA का जादू चला. मोदी-नीतीश-चिराग ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की। 243 में से 201 सीटों पर NDA के प्रत्याशियों ने दर्ज की। कांग्रेस-राजद-वीआइपी वाली महागठबंधन (MGB) सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गई। चुनाव से पहले बाजार लूटने वाले प्रशांत किशोर की जनसुराज को एक भी सीटें नहीं मिली।

अब मतदान का आंकड़ा सामने है जिसमें किसे कितने वोट मिले, वोट शेयर क्या रहा सब सामने है। वोट शेयर के आंकड़े और इसके मायने को समझना जरुरी है। पिछले लोकसभा (2024) और विधानसभा चुनाव -2025 के आंकड़ों पर गौर करें तो ना ही NDA के वोट शेयर में कोई बड़ी बढ़ोतरी हुई और ना ही MGB के वोट शेयर में कोई बड़ी कमी।

आंकड़े के मुताबिक, महागठबंधन को 37.3 प्रतिशत वोट मिला है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को 40.10 प्रतिशत वोट मिले थे। इस हिसाब से महागठबंधन को 2.8 प्रतिशत कम वोट मिले हैं। यानी यादव, मुस्लिम और कुछ दलित वोट इस बार भी महागठबंधन को ही मिला है।

महागबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद को इस बार भी करीब 23 प्रतिशत वोट मिले हैं फिर वोट किनके कम हुए? कांग्रेस के वोट कम हुए हैं और सरकार से नाराज वोटरों के वोट बिखर गये। ये वोट प्रशांत किशोर के जन सुराज को मिले. जनसुराज को 3.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। यह अलग बात है मतगणना से पहले तक यही कहा जाता रहा कि जन सुराज को एनडीए के सवर्ण वोटरों का समर्थन मिला है।

NDA, यानी भाजपा, जदयू, एलजेपी (रामविलास), आदि की हम बात करें तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 48 प्रतिशत वोट मिले थे और इस विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिले वोट का प्रतिशत 47.2 है। पिछली विधानसभा चुनाव में एलजेपी (रामविलास) को मिले करीब 6 प्रतिशत वोटों का बिखराव हुआ था। इस बार यह बिखराव नहीं हुआ, बल्कि एनडीए के पक्ष में एकजुट हुआ।

यह सही है कि बिहार की जनता 20 साल के शासन से संतुष्ट नहीं थी। एंटी इनकंबेंसी थी लेकिन महागठबंधन में बिखराव और एनडीए में एकजुटता ने रिजल्ट को बड़े स्तर पर प्रभावित किया। रही-सही कसर, चुनाव के दौरान और ठीक पहले 1.50 करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजने की स्कीम ने और असंतुष्ट वोटर ने का प्रशांत किशोर की तरफ जाकर महागठबंधन के लिए बड़ी हार का रास्ता बना दिया।

 

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