जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े एक सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े एक धर्मगुरु मौलवी इश्तियाक को हरियाणा के मेवात से हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए मौलवी को पूछताछ के लिए श्रीनगर लाया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। इधर, जम्मू कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई है। कुलगाम पुलिस ने एक साथ जेईआई से जुड़े 200 से अधिक ठिकानों पर छापेमीरी की है।
किराए के मकान से विस्फोटक बनाने की सामग्री बरामद
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मौलवी इश्तियाक फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय परिसर में एक किराए के मकान में रह रहा था। श्रीनगर पुलिस की टीम ने वहां छापेमारी कर 2,500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर बरामद किया है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने में किया जाता है।
नौ लोगों को अबतक किया गया गिरफ्तार
मौलवी इश्तियाक इस मामले में नौवां व्यक्ति है, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया है इससे पहले पुलिस ने आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद (श्रीनगर), मौलवी इरफान अहमद (शोपियां), जमीर अहमद अहांगर (गंदरबल), डॉ. मुअज़मिल अहमद गनई (पुलवामा), और डॉ. आदिल (कुलगाम) को गिरफ्तार किया था।
लाल किले के बाहर हुए धमाके से जुड़ा मिला कनेक्शन
यह कार्रवाई उस आतंकी नेटवर्क की कड़ी में की गई है, जो 10 नवंबर को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हुई अंतरराज्यीय छापेमारी के दौरान उजागर हुआ था। पुलिस ने बताया कि बरामद विस्फोटक सामग्री डॉ. मुज़म्मिल गनी उर्फ मुसैब और डॉ. उमर नबी के किराए के घर में रखी गई थी। इसी नेटवर्क से जुड़ा डॉ. उमर नबी सोमवार शाम लाल किले के बाहर विस्फोटक से लदी कार चला रहा था, जिसमें हुए धमाके में कई लोगों की मौत हो गई थी।
श्रीनगर से हरियाणा व यूपी तक फैला है नेटवर्क
यह पूरा मामला तब सामने आया जब 19 अक्तूबर को श्रीनगर के बुनपोरा नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद का एक पोस्टर मिला। जांच के दौरान पुलिस को एक ऐसे नेटवर्क के सबूत मिले जो कश्मीर घाटी से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था।
जांच में यह पता चला कि यह नेटवर्क पेशेवरों और छात्रों से मिलकर बने एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के रूप में काम कर रहा था। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह मॉड्यूल एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए आतंकी विचारधारा फैलाने, फंडिंग और हथियारों की सप्लाई के लिए समन्वय कर रहा था।
महिला डॉक्टर पर भी जांच जारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की संलिप्तता की भी जांच चल रही है। उसकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद की गई थी। फिलहाल उसे भी पूछताछ के लिए जम्मू-कश्मीर लाया गया है।
































