सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X हुआ कर्नाटक हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ

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    कर्नाटक: एलन मस्क की कंपनी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। कंपनी(एक्स) ने बयान जारी कर कहा है वह कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ऊंची अदमलत में अपील करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी। अपने पोस्ट में एक्स ने लिखा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अधिकारियों की मनमानी बढ़ जायेगी जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस को सीक्रेट ऑनलाइन पोर्टल सहयोग के जरिए मनमाने ढंग से कंटेंट (एक्स) हटाने के निर्देश जारी करने का अधिकार मिल गया है।

    कंपनी के अनुसार फैसला आईटी एक्ट की धारा 69A के अनुसार नहीं है कहा कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ भी है। यह भारतीयों की अभिव्यक्ति की आजादी(संवैधानिक अधिकारों) का उल्लंघन करने वाला है। मामला यह है कि इसी 24 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स की याचिका खारिज कर दी थी।

    एक्स ने केंद्र सरकार के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी। केंद्र ने कहा था कि विदेशी कंपनियां अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का दावा नहीं कर सकतीं। एक्स ने कहा था कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले से अलग है जिसमें (बॉम्बे हाईकोर्ट) सरकार की फैक्ट चेक यूनिट को खारिज कर दिया था। एक्स ने कहा कि हम इस विचार से सहमत नहीं हैं कि कोई विदेशी कंपनी अनुच्छेद 19(1)(ए) का सहारा नहीं ले सकती।

    एक्स ने असहमति जताई थी कि विदेशी संस्था होने के कारण हमें अपनी चिंता भारत में उठाने का कोई अधिकार नहीं है जिसमें दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स से कहा था देश में काम करना है तो कानून मानने होंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा था कि एक्स कॉर्प अनुच्छेद 19 के तहत देश के किसी भी कानून को चुनौती नहीं दे सकता है।

    यह सोशल मीडिया को नियंत्रित करने वाले कानूनों को चुनौती नहीं दे सकता। अगर यह देश में काम करना चाहता है, तो इसे भारतीय कानून मानने होंगे और कहा था कि कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को देश के कानूनों से छूट नहीं मिल सकती।

     

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