रांची: वन विभाग के चर्चित रेंजर राम बाबू को बिरसा मुंडा चिड़ियाघर से हटा दिया गया है। 10 में से एक रेंज का प्रभार वापस लेने के अलावा और काई कार्रवाई नहीं की गयी है। चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा राम बाबू और उसके साला द्वारा बरती गयी वित्तीय अनियमितताओं पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। राम बाबू के साले ने GST रिटर्न में चिड़ियाघर में सामग्रियों की आपूर्ति का उल्लेख नहीं किया है। चिड़ियाघर में जिराफ के बाड़े की मरम्मत में भी गड़बड़ी की बात सामने आयी है। यह काम भी रेंजर की देखरेख में ही हुआ था।
रेंजर राम बाबू और उसके साले के कारनामे का पर्दाफाश होने के बाद उसे सिर्फ बिरसा मुंडा चिड़ियाघर के अतिरिक्त प्रभार से हटाया गया है। वह अब भी नौ रेंज के प्रभार में हैं। इन सभी क्षेत्रों में सप्लाई और निर्माण से संबंधित काम उसके साला या करीबी लोगों द्वारा ही किया जा रहा है। राम बाबू का साला जय किशोर दास खुद ही अलग-अलग क्षेत्रों में रेंजर बना फिरता है। जय किशोर दास ने Satyam & Shivam Enterprises के नाम से एक व्यापारिक प्रतिष्ठान बना कर वाणिज्यकर विभाग मे रजिस्टर्ड करा रखा है।
वाणिज्यकर विभाग के रेकार्ड के अनुसार यह व्यापारिक प्रतिष्ठान बोकारो के पते पर रजिस्टर्ड है। सरकार के दस्तावेज में इस प्रतिष्ठान की कोई दूसरी इकाई नहीं है। लेकिन राम बाबू का साला Satyam & Shivam Enterprises के लिए रसीद छपवा कर बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में विभिन्न प्रकार के सामग्रियों की आपूर्ति की है। रसदी पर रांची का पता दर्ज है लेकिन उस पर GSTN पेन से लिखा हुआ है। इससे चिड़ियाघर में उसके द्वारा की गयी आपूर्ती में GST चोरी करने का प्रमाण है। उसने चिड़ियाघर में इंडेन गैस की आपूर्ति की है। इससे संबंधित बिल पर भी GSTN हाथ से लिखा गया है। इस बिल को उसके जीजा रेंजर राम बाबू ने हस्ताक्षरित कर 200 गैस सिलिंडरों की आपूर्ति प्रमाणित की है। जयकिशोर दास इंडेन गैस का अधिकृत विक्रेता नहीं है इसलिए वह इंडेन गैस नहीं बेच सकता है। इसके बावजूद उसे 1000 रुपये प्रति सिलिंडर की दर से भुगतान किया गया है। जय किशोर दास द्वारा दाखिल किये गये GST रिटर्न में बिरसा मुंडा चिड़ियाघर में किसी सामग्री की आपूर्ति का भी उल्लेख नहीं किया गया है।
चिड़ियाघर में जिराफ की मौत के सिलसिले में जांच के दौरान बाड़े की मरम्मत में गड़बड़ी की बात सामने आयी है। मरम्मत के काम में हुई गड़बड़ी की वजह से जिराफ के बाड़े (रात में आराम करने की जगह) में पानी घुसता था। इसकी वजह से जिराफ के आराम करने की जगह पर कीचड़ हो गया था। कीचड़ में फिसलन होने की वजह से जिराफ के पैर के जख्मी होने की सूचना है। जिराफ के लिए बाड़े की मरम्मत का काम भी रेंजर राम बाबू की देखरेख में हुआ था।































