दिल्ली धमाका में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन

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दिल्ली: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को किये गये बम धमाके (आतंकी हमला) के बाद फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में है। इससे संबंधित बड़ी खबर आयी है हरियाणा सरकार ने आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनी इस अल फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन की जांच शुरू कर दी है।

जिला इन्फोर्समेंट की टीम ने आज यहां जांच शुरू की. यूनिवर्सिटी प्रबंधन से जमीन के रिकॉर्ड तलब किये गये हैं। जांच का मकसद यह है कि 70 एकड़ क्षेत्र में फैली इस यूनिवर्सिटी के लिए किया गया भूमि अधिग्रहण सही है या नहीं और यूनिवर्सिटी की जमीन पर मस्जिद भी बनाई गयी है।

यूनिवर्सिटी से अभी तक चार लोगों को एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस के ज्वाईंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में डॉ मुजम्मिल, डॉ उमर नबी बट, डॉ शाइन और एचआर का काम देख रहा जमील शामिल है। यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर डॉ निसार फरार है।

अल फलाह यूनिवर्सिटी के बारे में बता दें कि इसकी शुरुआत 1997 में महज इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में की गयी थी। 2013 में अल-फलाह इंजीनियरिंग कालेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) से ए कैटेगरी की मान्यता मिल गयी।

अल-फलाह मेडिकल कॉलेज इसी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है जिसमें तत्कालीन कांग्रेस की हरियाणा सरकार ने 2 मई 2014 को हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल (2006) में संशोधन कर दिया। इसके बाद अल फलाह को प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता दे दी गयी। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। उस समय हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी संशोधित बिल (2014) के माध्यम से राज्य में 17 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान की गयी थी।

अहम बात यहां यह है कि यूनिवर्सिटी में जम्मू कश्मीर के लोग काफी संख्या में है। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर, छात्र सहित अन्य पदों पर काम करने वाले लोग शामिल हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ जांच एजेंसी मौजूदा डॉक्टरों व स्टॉफ सहित पुराने लोगों के नाम खंगाल रही है।

इसी बीच, याद करें कि यूनिवर्सिटी से जुड़े कई डॉक्टरें को जांच एजेंसी ने दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा नेशनल मेडिकल कमीशन ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

 

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