उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इस खतरे को देखते हुए चंपावत जिला प्रशासन ने संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्त एहतियाती कदम उठाए हैं। जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश जारी करते हुए बाहरी राज्यों से मुर्गियां, अंडे और मुर्गी फीड (चारा) के आयात पर एक सप्ताह के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है।

प्रशासन का कहना है कि बर्ड फ्लू का वायरस तेजी से फैलने की क्षमता रखता है और यह न केवल पोल्ट्री उद्योग बल्कि इंसानों के लिए भी स्वास्थ्य संबंधी खतरा बन सकता है। इसलिए संक्रमण की चेन को तोड़ना बेहद जरूरी है। आदेश के तहत जिले की सीमाओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी हालत में बाहरी मुर्गी उत्पाद जिले में प्रवेश न कर पाएं।

डीएम मनीष कुमार ने जिले के सभी पोल्ट्री फार्म संचालकों, मुर्गी पालकों और व्यापारियों से अपील की है कि वे खास सावधानी बरतें। बीमार या मृत पक्षियों को तुरंत अलग करें और इसकी सूचना पशुपालन विभाग को दें। विभाग की टीमें लगातार बाजारों, पोल्ट्री फार्म और दुकानों का निरीक्षण करेंगी, साथ ही सफाई और डिसइंफेक्शन की व्यवस्था पर भी जोर दिया जाएगा।

पशु चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निगरानी अभियान चलाएं। साथ ही, लोगों को बर्ड फ्लू के लक्षणों, सावधानियों और रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूक करें। जिला प्रशासन का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से एहतियाती है और फिलहाल जिले में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक सप्ताह बाद हालात की समीक्षा की जाएगी और आवश्यकता होने पर इस प्रतिबंध को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल, चंपावत में लोग पोल्ट्री उत्पादों के लिए स्थानीय स्रोतों पर निर्भर रहेंगे और बाजार में सप्लाई को संतुलित करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि अचानक कीमतों में वृद्धिन हो।

 

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