सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 को किया रद्द

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झारखंड: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये Tribunal Reforms Act 2021 को खारिज (strikes down) कर दिया। मद्रास बार एसोसियेशन द्वारा इस कानून को यह कहते हुए चुनौती दी गयी थी कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसलों के खिलाफ है। इस कानून के तहत विभिन्न प्रकार के ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति की जाती है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की पीठ ने इस कानून को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों में पारित किये गये आदेशों के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में यह आदेश दिया था कि ट्रिब्यूनल के सदस्यों का कार्यकाल कम से कम पांच साल होना चाहिए। इसके अलावा ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के दौरान 10 साल का अनुभव रखने वाले वकीलों को भी अनुभव के आधार पर शामिल किया जाना चाहिए।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इन दिशा निर्देशों के विपरीत सरकार ने Tribunal Reforms Act 2021 में ट्रिब्यूनल के सदस्यों का कार्यकाल चार-चार साल निर्धारित किया था। इसके अलावा इस कानून में ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के लिए कम से कम 50 साल की उम्र सीम निर्धारित है।

सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों के खिलाफ इस कानून में ट्रिब्यूनल में चेयरमैन के पर नियुक्ति के लिए Search cum selection का प्रावधान किया गया है। साथ ही, कमेटी को चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के लिए दो लोगों के नाम की अनुशंसा का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने Tribunal Reforms Act 2021 को खारिज करते हुए यह कहा है कि इससे ट्रिब्यूनल में की जा चुकी नियुक्तियां प्रभावित नहीं होंगी।

 

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